Pramukh ekaankior ekaankikaron ki suchi | Pramkh ekaankior ekaankikaron ki suchi | Pramukh ekaankior ekankikaron ki suchi | Pramukh ekaankir ekaankikaron ki suchi | Prmukh ekaankior ekankikaron ki suchi | Pramukh ekankior ekankikaron ki suchi |
एक अंक वाले नाटकों को एकांकी कहते हैं। अंग्रेजी के ‘वन ऐक्ट प्ले’ शब्द के लिए हिंदी में ‘एकांकी नाटक’ और ‘एकांकी’ दोनों ही शब्दों का समान रूप से व्यवहार होता है।पश्चिम में एकांकी २०वीं शताब्दी में, विशेषतः प्रथम महायुद्ध के बाद, अत्यन्त प्रचलित और लोकप्रिय हुआ। हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में उसका व्यापक प्रचलन इस शताब्दी के चौथे दशक में हुआ। इसका यह अर्थ नहीं कि एकांकी साहित्य की सर्वथा आभिजात्यहीन विधा है।
Pramukh ekaankior ekaankikaron ki suchi
एकांकीकार | एकांकी/ एकांकी संग्रह |
जयशंकर प्रसाद | एक घूँट |
रामकुमार वर्मा | पृथ्वी राज की आँखें, बादल की मृत्यु, रेशमी टाई, चारुमित्रा, विभूति, सप्तकिरण, औरंगजेब की आखिरी रात, दीपदान, दस मिनट, कौमुदीमहोत्सव, मयूरपंख, जूही के फूल, इन्द्रधनुष, पांच जन्म, रिमझिम, ऋतुराज, रूपरंग, रजतरश्मि, परीक्षा, बापू, चंगेज खाँ, 18 जुलाई की शाम |
जगदीशचंद्र माथुर | भोर का तारा, रीढ़ की हड्डी, मकड़ी का जाला, मेरी बाँसुरी, ओ मेरे सपने, कबूतरखाना, घोंसले, खंडहर, खिड़की की राह, भाषण |
भुवनेश्वर प्रसाद मिश्र | कारवाँ, श्यामा, ताँबे के कीड़े, आजादी की नींद, सिकंदर, एक साम्यहीन साम्यवादी, प्रतिमा का विवाह, स्ट्राइक, बाजीराव की तस्वीर, फोटोग्राफर के सामने, लाटरी, शैतान, मृत्यु, रोशनी और आग, सींकों की गाड़ी, रहस्य रोमांच, आदमखोर, |
उदयशंकर भट्ट | आत्मदान, दस हजार, एक ही कब्र में, विस्फोट, समस्या का अंत, निर्दोष की रक्षा, बीमार का इलाज, दुर्गा, स्त्री का ह्रदय, सात प्रहसन, उन्नीस और पैतीस, नेता, अंधकार और प्रकाश, आदिम युग, पर्दे के पीछे, आज का आदमी, वर निर्वाचन, धूमशिखा, प्रथम विवाह, बड़े आदमी की मृत्यु, अभिनव एकांकी, शक विजय, क्रन्तिकारी, वैवस्वत मनु, आधुनिक एकांकी नाटक (सं.) |
सेठ गोविंददास | नानक की नमाज़, तेगबहादुर की भविष्यवाणी, स्पर्द्धा, एकादशी, पंचभूत, सप्तरश्मि, चतुष्पद, कंगाल नहीं, मानव मन, मैत्री, कृषि यज्ञ, बुध की एक शिष्या |
उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ | पर्दा उठाओ पर्दा गिराओ, लक्ष्मी का स्वागत, जोंक, अधिकार का रक्षक, अंधी गली, अंजो दीदी, सूखी डाली, स्वर्ग की झलक, भँवर, आपस का समझौता, साहब को जुकाम, विवाह के दिन (प्रहसन), देवताओं की छाया में, चरवाहे,पक्का गाना, पापी, खिड़की, चिलमन, चमत्कार, मेमना |
मोहन राकेश | अंडे के छिलके, प्यालियाँ टूटती हैं, सिपाही की माँ, छतरियाँ, करफ्यू, बारह सौ छब्बीस बटा सात, बहुत बड़ा सवाल |
गोविन्द बल्लभ पंत | विषकन्या |
विष्णु प्रभाकर | प्रकाश और परछाई, इन्सान, दस बजे रात, ऊँचा पर्वत गहरा सागर, क्या वह दोषी था, मै दोषी हूँ, ये रेखाएँ ये दायरे, पाप, हत्या के बाद, एक औरत: एक माँ, आंचल और आंसू, प्रतिशोध, बंटवारा, नया समाज, सरकारी नौकरी, सांवले, वापसी |
धर्मवीर भारती | नदी प्यासी थी, नीली झील, सृष्टि का आखिरी आदमी, आवाज का नीलाम, संगमरमर पर एक रात |
गिरिजाकुमार माथुर | उमर कैद, विक्रमादित्य, विषपान, वासवदत्ता,रस की जीत, कुमार संभव, मेघ की छाया |
विनोद रस्तोगी | बहु की विदा, काले कौए गोरे हंस, पुरुष और पाप, निर्माण का देवता, कसम कुरान |
बेचन शर्मा ‘उग्र’ | चार बेचारे, अफजल बध, भाई मियाँ |
हरिकृष्ण ‘प्रेमी’ | मातृमंदिर, राष्ट्रमंदिर, मानमंदिर, न्यायमंदिर, वाणीमंदिर, मालव प्रेम |
लक्ष्मी नारायण मिश्र | अपराजित, चक्रव्यूह, स्वर्ग में विप्लव, कटोरी में कमल, अशोक वन, मुक्ति का रहस्य, राजयोग |
लक्ष्मीकांत वर्मा | अपना-अपना जूता |
देवकीनंदन खत्री | जनेऊ का खेल |
कुंवर बहादुर | प्रजातंत्र की झलक |
सुदर्शन | आनरेरी मजिस्ट्रेट, राजपूत की हार, प्रताप प्रतिज्ञा |
गणेश प्रसाद द्विवेदी | सोहाग बिंदी, कामरेड, शर्माजी, गोष्ठी, परीक्षा, रपट, धरती माता, रिहर्सल |
भगवतीचरण वर्मा | सबसे बड़ा आदमी |
जैनेंद्र कुमार | टकराहट |
लक्ष्मीनारायण लाल | पर्वत के पीछे, नाटक बहुरंगी, ताजमहल के आँसू, औलादी का बेटा, दूसरा दरवाजा |
गंगाप्रसाद श्रीवास्तव | मिट्टी का शेर |
प्रभाकर माचवे | गली के मोड़ पर, गाँधी की राह पर, पागलखाने में पंचकन्या, वधू चाहिए |
भारतभूषण अग्रवाल | महाभारत की साँझ |
मार्कण्डेय | पत्थर और परछाई |