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The body maintains homeostasis for many factors. Some of these include body temperature, blood glucose, and various pH levels.Homeostasis is maintained at many levels, not just the level of the whole body as it is for temperature. For instance, the stomach maintains a pH that’s different from that of surrounding organs, and each individual cell maintains ion concentrations different from those of the surrounding fluid.
know About the Mechanisms Working in the Human Body
कंकाल तंत्र (Skeletal System)
No.-1. मानव शरीर मेें उपस्थित हड्डीयों के ढॉचे को कंकाल तंत्र कहा जाता है मानव शरीर की आंतरिक संरचना है मानव कंकाल तंत्र में जन्म के समय 270 हड्डीयां होती है और वयस्क होते-होते इन हड्डीयों की संख्या 206 रह जाती है |
No.-2. हड्डीयों के अलावा कंकाल के अन्दर कार्टिलेज और लिगामेंट भी होते हैं कार्टिलेज प्रोटीन फाइबर से बने होते हैं जो हड्डीयों को गितशीलता प्रदान करता है और लिगामेंट हड्डीयों को एक साथ बॉधे रखता है |
हृदय तंत्र (Cardiovascular System)
No.-1. हृदय तंत्र जिसे परिसंचरण प्रणाली भी कहते हैं इस तंत्र शरीर की कोशिकाओं के बीच पोषक तत्वों का आदान प्रदान है |
No.-2. इस तंत्र में हृदय, रक्त वाहिनी नलियां, धमनी, शिराएँ, कोशिकाएँ शामिल होती है सामान्य मनुष्य का हृदय एक मिनट में 72 बार धडकता है |
श्वशन तंत्र (Respiratory System)
No.-1. श्वशन तंत्र जिसमें नाक, स्वरयंत्र, श्वासनलिका (Wind Pipe) फैंफडे शामिल हैं श्वशन तंत्रों की सहायता से हम ऑक्सीजन को अपने शरीर के अंदर ग्रहण करते हैं और कार्बन डाई ऑक्साइड को बाहर निकालते हैं
मूत्र तंत्र (Urinary System)
No.-1. इस तंत्र में गुर्दे, मूत्रवाही, मूत्राशय और मूत्रमार्ग होते हैं प्रत्येक गुर्दा में लाखों क्रियात्मक इकाइयां होती हैं जिन्हें नेफ्रंस कहते हैं इस तंत्र का उद्देश्य शरीर से अपशिष्ट को खत्म करना, रक्त की मात्रा और रक्तचाप को नियंत्रित करना है
मासपेशीय तंत्र (Muscular System)
No.-1. पूरे मानव शरीर में लगभग 500 मांस पेशियॉ होती हैं मासपेशीयों के संकुचन से अंगों की गति होती है और शरीर हिल-डुल तथा चल सकता है
तंत्रिका तंत्र (Nervous System)
No.-1. जिस तन्त्र के द्वारा विभिन्न अंगों का नियंत्रण और अंगों को वातावरण के अनुकूल बनाया जाता है उसे तन्त्रिका तन्त्र (Nervous System) कहते हैं
पाचन तंत्र (Digestive System)
No.-1. पाचन तंत्र मुख, ग्रासनली, पक्वाशय, आमाशय, छोटी ऑत, बडी ऑत और यकृत से मिलकर बना होता है जो भोजन हम आपने मुख द्वारा ग्रहण करते हैं
No.-1. पाचन तंत्र उस भोजन को विभिन्न रासायनिक क्रियाओं और एंजाइम की सहायता से सरल, छोटे व घुलनशील अणुओं में बदलना देता है
अंतःस्त्रावी प्रणाली (Endocrine System)
No.-1. इस तंत्र के अंदर सभी ग्रंथियों और हार्मोन शामिल हैं इन हार्मोन से सेलुलर चयापचय, प्रजनन शर्करा और खनिज होमोस्टैसिस, पाचन, हृदय की दर और यौन विकास जैसे शरीर की उच्च प्रक्रियाओं को नियंत्रित किया जाता है
प्रजनन तंत्र (Reproductive System)
No.-1. यह तंत्र प्रजनन के कार्य में अपनी भागीदारी करता है यनि इस तंत्र की सहायता से संतानोत्पत्ति की प्रणाली
पूरी की जाती है
विशेष तंत्र (Special system)
No.-1. हमारे शरीर में सूघने के लिए नांक, स्वाद के लिए जीभ, सुनने के लिए कान, सूघने के लिए नांक, देखने के लिए आंख और संवेदना के लिए त्वचा विशेष तंत्र के रूप में कार्य करते हैं