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महात्मा बुद्ध के परिनिर्वाण के अल्प समय के पश्चात से ही उनके उपदेशों को संगृहीत करने, उनका पाठ (वाचन) करने आदि के उद्देश्य से संगीति (सम्मेलन) की प्रथा चल पड़ी। इन्हें धम्म संगीति (धर्म संगीति) कहा जाता है। संगीति का अर्थ है ‘साथ-साथ गाना’।
Dusri bodh sangiti kaha hui
Que.-1. द्वितीय बौद्ध संगीति कहां हुई ?
Ans. द्वितीय बौद्ध संगीति वैशाली में हुई ।
No.-1. समय- 383 ईसा पूर्व
No.-2. स्थान – वैशाली
No.-3. अध्यक्ष – सबाकामी
No.-4. शासनकाल- कालाशोक