Dalit aatmkathayen ki suchi हिंदी दलित आत्मकथाओं की सूची | Dalit atmkathayen ki suchi हिंदी दलित आत्मकथाओं की सूची | Dalit aatmkathayen k suchi हिंदी दलित आत्मकथाओं की सूची | Dalit aatmkathayen ki suhi हिंदी दलित आत्मकथाओं की सूची | Dalit aatmkthayen ki suchi हिंदी दलित आत्मकथाओं की सूची | Dalit aatmkathayen ki suchi |
दलित साहित्य में ‘जूठन’ ने अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है. इस पुस्तक ने दलित, गैर-दलित पाठकों, आलोचकों के बीच जो लोकप्रियता अर्जित की है, वह उल्लेखनीय है. स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भी दलितों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए जो एक लंबा संघर्ष करना पड़ा, ‘जूठन’ इसे गंभीरता से उठाती है|
Dalit aatmkathayen ki suchi हिंदी दलित आत्मकथाओं की सूची
लेखक | आत्मकथा |
मोहन दास नैमिशराय | अपने-अपने पिंजरे (भाग-1, 1995) |
अपने-अपने पिंजरे (भाग-2, 2000) | |
डी. आर. जाटव | मेरा सफर मंजिल (2000) |
ओमप्रकाश वाल्मीकि | जूठन (भाग-1, 1997) |
जूठन (भाग-2, 2013) | |
कौशल्या बैसंती | दोहरा अभिशाप (1999) |
माता प्रसाद | झोपड़ी से राजभवन (2002) |
सूरजपाल सिंह चौहान | तिरस्कृत (भाग-1, 2002) |
तिरस्कृत (भाग-2, 2006) | |
रमाशंकर आर्य | घुटन (2005) |
रूपनारायण सोनकर | नागफनी (2007) |
श्योराज सिंह ‘बेचैन’ | बेवक्त गुजर गया माली (2006) |
मेरा बचपन मेरे कंधों पर (2009) | |
धर्मवीर | मेरी पत्नी और भेड़िया (2009) |
खसम खुशी क्यों होय? (2013) | |
तुलसी राम | मुर्दहिया (भाग 1, 2010) |
मणिकर्णिका (भाग 2, 2013) | |
सुशीला टाकभोरे | शिकंजे का दर्द (2011) |
कौशल पंवार | बवंडरों के बीच (2021) |
दलित आत्मकथाएं
इन आत्मकथाओं के अतरिक्त दलित आत्मकथा में 2 मराठी आत्मकथाओं का काफी प्रभाव रहा, जिन्हें हिंदी में काफी पढ़ा-लिखा गया-
- दया पवार- अछूत,
- शरण कुमार लिम्बाले- अक्करमाशी