Bharat Ki Sthiti or Vistar PDF – भारत की स्थिति और विस्तार

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भारत उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित एशिया महादेश का एक विशाल देश है। इसका अक्षांशीय विस्तार 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तर अक्षांश तक तथा शांतीय विस्तार 68°7′ पूर्वी देशांतर से 97°25` पूर्वी देशांतर तक है। इस प्रकार इसका अक्षाशीय तथा देशांतरीय विस्तार लगभग 30° है।

Bharat Ki Sthiti or Vistar PDF – भारत की स्थिति और विस्तार

 

No.-1. भारत की स्थलीय सीमा उत्तर-पश्चिमी में पाकिस्तान और अफगानिस्तान से लगती है, उत्तर में तिब्बत (अब चीन का हिस्सा) और चीन तथा नेपाल और भूटान से लगी हुई है और पूर्व मे बांग्लादेश तथा म्यांमार से।

No.-2. बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह और अरब सागर में स्थित लक्षद्वीप, भारत के द्वीपीय हिस्से हैं।

No.-3. इस प्रकार भारत की समुद्री सीमा दक्षिण-पश्चिम में मालदीव दक्षिण में श्री लंका और सुदूर दक्षिण-पूर्व में थाइलैंड और इंडोनेशिया से लगती है।

No.-4. पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार के साथ भारत की स्थलीय सीमा और समुद्री सीमा दोनों जुड़ी हैं।

No.-5. कर्क रेखा भारत के बीचो-बीच 8 राज्यों से होकर गुजरती है।

No.-6. ये राज्य निम्न है- गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा (त्र.) एवं मिजोरम।

No.-7. 82°30′ पूर्वी देशांतर को भारत का मानक याम्योत्तर या मीन टाइम लाइन माना गया है।

No.-8. यह उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के निकट मिर्जापुर के नैनी से गुजरती है।

No.-9. इसी के कारण इलाहाबाद को ‘शून्य मील केन्द्र’ कहा जाता है।

No.-10. किसी भी देश के मानक याम्योत्तर का चुनाव 7°30′ देशांतर के गुणक के साथ साथ देश के मध्य से गुजरने की शर्तों पर किया जाता है।

No.-11. इसी आधार पर 82°30′ याम्योत्तर को भारत का मानक याम्योत्तर चुना गया है।

No.-12. यह ग्रीनविच (लंदन) मीन टाइम लाइन से 5 : 30 मिनट आगे है।

भारतीय समय की गणना

No.-1. चूँकि 1 देशान्तर पर समय 4 मिनट आगे बढ़ है इसलिए 82° पर 82×4 =328 मिनट और 1/2 का 2 मिनट जोड़ने पर समय कुल 330 मिनट होगा, जिसे घंटा में तब्दील करने पर समय 3 घंटा 30 मिनट होगा।

No.-2. चूंकि भारत पूर्वी दशान्तर पर स्थित है इसलिए समय ग्रीनविच मीन टाईम से 5 घंटा 30 मिनट आगे होगा।

भारत की सीमा के  बिंदु 

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भारत का उत्तरी बिंदु –

No.-1. 37°6′

No.-2. इंदिरा कॉल-भारत का अंतिम उत्तरी छोर जम्मू-कश्मीर (J&K)प्रांत में सियाचीन ग्लेशियर के पास स्थित इंदिरा कॉल है।

No.-3. यह हिमालय पर्वतमाला में भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के पूर्व में स्थित है।

No.-4. इंदिरा कॉल समुद्र से करीब 7000 मीटर की ऊँचाई पर है।

भारत का दक्षिणी बिंदु –

No.-1. 6°45′

No.-2. इंदिरा प्वाइंट-इंदिरा प्वाइंट भारत के दक्षिणी छोर के अंत में 6°45′ उत्तरी अक्षांश पर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के ग्रेट निकोबार द्वीप पर स्थित है।

No.-3. पहले इसे पिग्मैलियन प्वाइंट या पार्सस प्वाइंट के नाम से भी जाना जाता था।

No.-4. इंदिरा प्वाइंट सुमात्रा से 140 km और कैम्पवेल की खाड़ी (भारत के अंतिम परिचालन आधार) के ‘प्वाइंट जीरो’ से 51 km दुर है।

No.-5. 2004 में भारतीय महासागर क्षेत्र में आए भूकम्प से पैदा हुई सूनामी के कारण इंदिरा प्वाइंट का बड़ा भाग समुद्र में डूब गया।

No.-6. भूमध्य रेखा से इसकी दूरी 876 km है।

भारत का पूर्वी बिंदु –

No.-1. 97°25′

No.-2. किबिथू, भारत के पूर्वी छोर के अंत में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 28°17′ उत्तरी अक्षांश और 97°25′ पूर्वी देशांतर के बीच अरुणाचल प्रदेश के अंजा जिले में स्थित एक गाँव है।

No.-3. यह समुद्र तल से 11000 फुट की ऊँचाई पर चीन के तिब्बत सीमा क्षेत्र के पास स्थित है।

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भारत का पश्चिमी बिंदु –

No.-1. 68°7′

No.-2. धुअरभोटा, भारत के पश्चिमी छोर के अंत में 23°87′ उत्तरी और 68°7′ पूर्व अक्षांश/दंशांतर के बीच गुजरात राज्य के कच्छ क्षेत्र में स्थित है।

No.-3. धुअरभोटा भारत और पाक के बीच विवादित सरक्रीक लाइन के नजदीक है।

भारत के मुख्य भूमि का दक्षिणी छोर-

No.-1. कन्याकुमारी जिसे केप केमोरिन भी कहा जाता है 8°4′ उत्तरी अक्षांश और 27857 पूर्वी देशांतर के बीच तमिलनाडु राज्य में है।

No.-2. कन्याकुमारी अरब सागर, हिन्द महासागर का संगम स्थल तथा पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट का अंतिम बिन्दु है।

No.-3. भारत की आकृति चतुष्टकोणीय है।

No.-4. कश्मीर से कन्याकुमारी तक (उत्तर-दक्षिण में) इसकी लम्बाई 3214 km है।

No.-5. तथा कच्छ के रण से अरुणाचल प्रदेश तक पूर्व-पश्चिम दिशा में इसकी चौड़ाई 2993 km है।

No.-6. इस प्रकार भारत का क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग कि.मी. है, जो विश्व के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.4% (लगभग) है।

No.-7. इस प्रकार भारत विश्व का 7वाँ सबसे बड़ा देश है।

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भारत की सीमाएँ

No.-1. किसी देश की सीमाएँ उस देश की प्राकृतिक बनावट, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक परिस्थितियाँ, उसके इतिहास, परम्परा और प्रकृति द्वारा निर्धारित होती है।

किसी देश की सीमाओं को दो भागों में बाँटा जा सकता है-

(1) प्राकृतिक सीमाएँ और

(2) कृत्रिम सीमाएँ

प्राकृतिक सीमाएँ –

No.-1. समुद्र, पर्वत शृंखलाएँ, मरुस्थल एवं नदियाँ जैसे प्राकृतिक कारकों के आधार पर निर्धारित सीमा प्राकृतिक सीमा कहलाता है।

No.-2. प्राकृतिक सीमा में सबसे अधिक महत्त्व पर्वत-प्रणालियों और जल विभाजक का होता है।

No.-3. उत्तर में हिमालय पर्वत श्रेणी, सुदूर-पूर्व में आराकानयोमा श्रेणी, दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी तथा दक्षिण में हिन्द महासागर ये सभी मिलकर भारत की प्राकृतिक सीमाएँ बनाते हैं।

कृत्रिम सीमाएँ-

No.-1. किसी देश की कृत्रिम सीमाएँ परिस्थितियाँ, युद्धों, संधियों आदि के आधार पर निर्मित होती है जो अस्थायी प्रकृति की होती है अर्थात् कृत्रिम सीमाओं में समय-समय पर परिवर्तन होता रहता है।

No.-2. भारत की स्थलीय-सीमा पर उत्तर में नेपाल, भूटान और चीन (तिब्बत) पूर्व में बंग्लादेश एवं म्यांमार तथा उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान और अफगानिस्तान देश स्थित है।

No.-3. इसके साथ-भारत की प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों प्रकार की सीमाएँ बनती है।

No.-4. इन सभी देशों के साथ भारत की जो सीमा लगी हुई है।

No.-5. उसे कुछ नामों से जाना जाता है जो निम्न है –

रेडक्लिफ रेखा

No.-1. भारत पाकिस्तान एवं भारत-बंग्लादेश के बीच की रेखा की रेडक्लिफ रेखा कहा जाता है क्योंकि भारत के विभाजन के बाद पश्चिमी पाकिस्तान (वर्तमान पाकिस्तान) और पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बंग्लादेश) के बीच सीमा निर्धारिण का कार्य 1947 में सर सीरिल रेडक्लिफ के द्वारा किया।

डुरण्ड रेखा-

No.-1. भारत और अफगानिस्तान की सीमा को डुरण्ड रेखा के नाम से जाना जाता है।

No.-2. इस सीमा रेखा का निर्धारित सर मोर्टीमर डुरण्ड के द्वारा 1896 में किया गया।

No.-3. चूँकि इस समय भारत-पाक विभाजन नहीं हुआ था इसलिए स्वतंत्रता से पूर्व यह भारत और अफानिस्तान के बीच की सीमा रेखा थी।

No.-4. विभाजन के बाद इस रेखा का बहुत बड़ा भाग पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की सीमा रेखा हो गया और बहुत ही छोटा हिस्सा (106 km) भारत-अफगानिस्तान की सीमा रेखा के रूप में बचा।

No.-5. इस छोटे से हिस्से पर भी पाकिस्तान ने कबिलाई आक्रमण के द्वारा कब्जा कर लिया।

No.-6. इसी सीमा रेखा से सटे जम्मू कश्मीर के भाग को पाक अधिकृत कश्मीर (POK) कहा जाता है।

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मैकमोहन रेखा-

No.-1. भारत और चीन के बीच इस सीमारेखा का निर्धारण 1913-14 में एक त्रि-सदस्यी सम्मेलन (तिब्बत, चीन और भारत के प्रतिनिधि) से संधि से हुआ।

No.-2. भारत की ओर से इस सम्मेलन में सर हेनरी मैकमोहन ने भाग लिया था।

No.-3. चीन के प्रतिनिधि इवान चेन तथा तिब्बत की ओर से 13वें दलाईलामा के प्रतिनिधि लोंगधेन गदेन शात्र पलजोर दोर्जे थे।

No.-4. इस संधि के अनुसार तिब्बत की ओर बहने वाली सांग्पो और भारत में बहने वाली ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों के बीच से 30,00040,000 मीटर ऊँचे पर्वत शिखर पर अंतर्राष्ट्रीय सीमा निर्धारित की गई।

भारतीय समुद्री जलसीमा

No.-1. भारत की प्रादेशिक जल सीमा (Territorial Sea) उसकी तट रेखा से 12 समुद्री मील (1 समुद्री मील = 1.85200 km) अंदर समुद्र तक है।

No.-2. इस क्षेत्र के प्रयोग का भारत को सम्पूर्ण अधिकार है।

No.-3. प्रादेशिक जल सीमा से आगे (+12 समुद्री मील) या तट रेखा से 24 समुद्री मील की दूरी तक के क्षेत्र को संलग्न क्षेत्रमण्डल’ (Contiguous Zone) कहते हैं।

No.-4. इस क्षेत्र में भारत को राजकोषीय अधिकार, सीमा शुल्क से संबंधित अधिकार, स्वच्छता से संबंधित अधिकार तथा अप्रवासी कानून लागू करने का अधिकार है। ‘

No.-5. अनन्य आर्थिक क्षेत्र’ (Exclusive Economic Zone) के तहत् संलग्न क्षेत्र के आगे संलग्न क्षेत्रमंडल क्षेत्र आते हैं जो तट रेखा से 200 समुद्री मील की दूरी तक है।

No.-6. इस क्षेत्र के अन्तर्गत भारत को खनिज संपदा, सागरीय जल शक्ति, सागरीय जीवों तथा समुद्री खनिजों के संरक्षण दोहन एवं अनुसंधान का अधिकार है।

No.-7. भारतीय राज्यों में गुजरात राज्य की तटरेखा सबसे लंबी-1200 km है।

No.-8. इसके बाद आंध्र प्रदेश की तटरेखा लम्बी है।

No.-9. भारत के 9 राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल तटरेखा से लगे हैं।

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