Bharat Ki Sthiti or Vistar - भारत की स्थिति और विस्तार

Bharat Ki Sthiti or Vistar – भारत की स्थिति और विस्तार

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भारत की मुख्य भूमि 8°4′ से लेकर 37°6′ उत्तर अक्षांश के बीच है.भारत का देशांतरीय विस्तार 68°7′ पूर्व देशांतर से 97°25′ पूर्व देशांतर के मध्य है. कर्करेखा (23°30′ उत्तरी अक्षांश) भारत को उत्तर-दक्षिण दो भागों में बांटती है. भारत के अक्षांशीय और देशान्तरीय विस्तार का अंतर लगभग 30° है.भारत का पूर्व-पश्चिम विस्तार 2,933 किलोमीटर तथा उत्तर-दक्षिण विस्तार 3,214 किलोमीटर है.22° उत्तर अक्षांश के दक्षिण भारत का पूर्व-पश्चिम विस्तार घटता गया है|

Bharat Ki Sthiti or Vistar – भारत की स्थिति और विस्तार

 भारत की तटरेखा

No.-1. भारत के मुख्य भूमि की तटीय सीमा की लम्बाई 6100 किमी. है।

No.-2. यदि अण्डमान निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप समूहों के तटरेखा को भी सम्मलित किया जाय तो भारत की तटीय सीमा 7515 km हो जाती है।

No.-3. हिन्द महासागर और अरबसागर से सटी भारत की यह तटरेखा प्राकृतिक, सामरिक और आर्थिक सभी नजरिये से महत्त्वपूर्ण है।

इसे मुख्यतः दो भागों में बाँटा गया है-

(1) पश्चिम तटरेखा

(2) पूर्वी तटरेखा।

पश्चिमी तट को चार अलग-अलग उपभागों में बाँटा गया है-

(i) कठियावाड़ तट

(ii) कोंकण तट

(iii) मालबाड़ तट

(iv) दक्षिणी तट

इसी प्रकार पूर्वी तटरेखा को भी दो उपभोगों में बाँटा गया है-

(1) कोरोमण्डल तट और

(2) काकीनाडा या उत्तरी सरकार तट।

पश्चिमी तट रेखा (Western Coastline) –

No.-1. खंभात की खाड़ी से कुमारी अंतरीप तक फैले हुए तट को पश्चिमी तट कहते हैं।

No.-2. इसके उत्तरी भाग को कठियावाड़ और कोंकण तट तथा दक्षिणी भाग मालवाड़ और दक्षिणी तट के नाम से जाना जाता है।

No.-3. कठियावाड़ तट का विस्तार गुजरात के सौराष्ट्र (कच्छ) से सूरत तक है।

No.-4. इसी तट में कच्छ की खाड़ी और खंभात की खाड़ी है जिसके कारण यह क्षेत्र कभी फटा-फटा है।

No.-5. फलस्वरूप यहाँ अनेक प्राकृतिक बंदरगाह विकसित हुए।

No.-6. इनमे कांडला, पोरबंदर, द्वारका, भरुच, सूरत आदि प्रमुख हैं।

No.-7. कोंकण तट सूरत से लेकर गोआ तक 500 किमी. लम्बाई में फैला हुआ है।

No.-8. कोंकण तट पर पाए जाने वाले बंदरगाह है- न्हावासोवा, मारभागोआ, मुम्बई, माहिम, रत्नागिरि और मालवन।

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No.-9. मालबार तट गोवा से मंगलौर तक 225 किमी. की लम्बाई में फैला है।

No.-10. दक्षिण-पश्चिम मानसून सर्वप्रथम भारत में यहीं प्रवेश करता है।

No.-11. कोच्चि के समीप समुद्र तट के समानांतर पृष्ट जल (Back Water) की सुविधा होने से अरब सागर से केरल के भीतरी भागों तक नावों द्वारा पहुँचा जा सकता है।

No.-12. मंगलौर, कोझीकोड, एलप्पी, अर्नाकुलम, मालपे, तिरुवनन्तपूरम, कासरगोड, कुण्डापुर आदि इस तट पर पाए जाने वाले प्रमुख बंदरगाह है।

No.-13. दक्षिणी तट मंगलौर से कुमारी अंतरीप तक 500 किमी. लम्बाई में फैला हुआ है।

No.-14. यह काफी चौड़ा तटीय मैदान है, किन्तु इस तट पर द्वीपों का पूर्ण अभाव है।

पूर्वी तट रेखा (Eastern Coastline)

No.-1. पूर्वी तटरेखा कृष्णा नदी से कमारी अंतरीप तक विस्तृत है।

No.-2. भू-आकृति के आधार पर इसे दो भागों में बाँटा जाता है-

(i) कोरोमण्डल तट और

(ii) काकीनाडा या उत्तरी सरकार तट।

No.-1. कोरोमण्डल तट, कुमारी अंतरीप से कृष्णा नदी डेल्टा लक फैला हुआ है।

No.-2. इसी तट पर मन्नार की खाड़ी, पाक जल संधि तथा आदमसेतु खाड़ियां है।

No.-3. कन्याकुमारी, रामेश्वरम्, धनुष्कोटि, नागापट्टिनम्, कारीकल, पुदुचेरी, पोर्टोनोवा इत्यादि इस तट पर के प्रमुख्न बंदरगाह है।

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No.-4. पब्बन एवं श्रीहरिकोटा यहाँ के प्रमुख द्वीप हैं।

No.-5. श्री हरिकोटा द्वीप ही पुलीकट झील को समुद्र से अलग करता है।

No.-6. भारत सरकार का सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SHAR) श्री हरिकोटा द्वीप पर ही अवस्थित है।

No.-7. काकीनाडा तट या उत्तरी सरकार तट का विस्तार कृष्ण डेल्टा से लेकर गंगा डेल्टा तक है।

No.-8. बंगाल की खाड़ी के उत्तरी सिर पर यह तट गंगा, महानदी जैसी नदियों के द्वारा निर्मित डेल्टाओं से घिरा है।

No.-9. सुन्दरवन डेल्टा इसी तट पर है जिसका निर्माण गंगा और मेघना नदी के द्वारा किया गया है।

No.-10. काकीनाडा, विशाखापट्टनम पारादीप, हल्दिया, कोलकाता आदि इस तट के प्रमुख बंदरगाह है।

द्वीप समूह

No.-1. भारत के तटीय भागों में द्वीपों का प्रसार मुख्यत: दो तरह का है।

No.-2. प्रथम ऐसे द्वीप जो तट के प्रायः निकट है तथा दूसरा ऐसे द्वीप जो तट से काफी दूर है।

No.-3. ऐसा देखा गया है कि तट के नजदीक वाले द्वीप प्रायः छोटे आकार के हैं जबकि तट से दूर वाले द्वीप बड़े आकार के है।

No.-4. भारत में द्वीपों की संख्या 572 है।

No.-5. तट के निकटवर्ती द्वीप

No.-6. ऐसे द्वीप प्रायः डेल्टाई भागों में पाया जाता है।

No.-7. गंगा के डेल्टाई प्रदेश में हुगली के निकट 20 किमी. लंबा सागर द्वीप (जो गंगासागर नाम से जाना जाता है)।

No.-8. चौबीस परगना के पास न्यू मरे द्वीप, महानदी के डेल्टाई भाग में शौर्ट द्वीप तथा नदी के मुहाने पर स्थित ह्वीलर द्वीप निकटवर्ती द्वीप के उदाहरण है।

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No.-9. इन द्वीपों का निर्माण मुख्यतः नदीयों के जलोढ़ (कांप मिट्टी) के जमाव से होता है।

No.-10. मन्नार की खाडी के निकट नगरकोईल से 5 किमी. दर क्रोकोडाईल एवं 2-3 किमी. दूर अंठा और कोटा द्वीप, हरनोई के निकट जंजीरा कोर्ट, मुम्बई के निकट हैनरे तथा कैनरे द्वीप, एलिफेण्टा द्वीप और बेसिन के निकट अरवाला द्वीप कुछ अन्य निकटवर्ती द्वीप है।

No.-11. भारत और श्रीलंका के बीच आदम पुल (Admins Bridge) तथा रामेश्वरम का पम्बन द्वीप बालू और कांप मिट्टी से निर्मित है।

No.-12. नर्मदा और ताप्ती नदियों के चौड़े मुहाने के निकट आलियाबेट, खडियाबेट, खंभात की खाड़ी के निकट डयू तथा कच्छ की खाड़ी में बैद, नोरा, पिरटान और करूंभार कुछ ऐसे द्वीप है जो निम्न और संकरे प्रकार के हैं।

तट से दूर वाले द्वीप (Farther Island)-

No.-1. तट से दूर वाले द्वीप सामान्यतः दो समूहों में हैं-

(1) लक्षद्वीप समूह और

(2) अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह।

लक्षद्वीप समूह-

No.-1. क्षेत्रफल- 32 वर्ग किमी.

No.-2. राजधानी-कवारत्ती

No.-3. भाषा- मलयालम

No.-4. स्थिति- 8 और 12° अक्षांश तथा 71° और 74° पूर्वी देशांतर के मध्य अरब सागर में।

No.-5. लक्षद्वीप समुह एक डूबे हुए पर्वत के भाग है जिसकी उत्पत्ति प्रवाल भिलियों के विकसित होने से हुई।

No.-6. 1973 में लंकाद्वीप, मिनिकाय और अमीन द्वीप को सम्मिलित नाम दिया गया है।

No.-7. लक्षद्वीप प्रवाल द्वीपों का समूह है जिसमें 12 प्रवाल द्वीप, 3 प्रवाल भित्ति और जलमग्न बालू के तट शामिल है।

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No.-8. यहाँ के कुल 43 द्वीपों में से केवल 11 में आबादी है।

No.-9. लक्षद्वीप समूह के उत्तर में चेरबनियानी रीफ है तथा सबसे दक्षिण में मिनिकॉय द्वीप है।

No.-10. 8० चैनल (8° उत्तरी अक्षांश) मिनिकॉय और एवं मालद्वीप के बीच है।

No.-11. 9० चैनल (9° उत्तरी अक्षांश) मिनीकॉय को मुख्य लक्षद्वीप समूह से अलग करता है।

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह या मरकत द्वीप-

No.-1. क्षेत्रफल- 8,248 वर्ग किमी.

No.-2. राजधानी- पोर्टब्लेयर

No.-3. भाषा- हिन्दी, निकोबारी, तमिल, बंगला, मलयालम, तेलगू।

No.-4. स्थिति- 6°से 14° उत्तरी अक्षांश तथा 92° से 94° पूर्वी देशांतर के बीच बंगाल की खाड़ी स्थित है।

No.-5. अंडमान निकोबार द्वीप समूह में 204 छोटे छाट द्वीप सम्मलित है जो 100 किमी. क्षेत्र में नेगरिस अंतरीप और सुमात्रा के बीच बंगाल की खाड़ी में स्थित है।

No.-6. अंडमान द्वीप निकोबार द्वीप से 10 चैनल द्वारा पृथक् है।

No.-7. अंडमान द्वीप उत्तरी अंडमान, मध्य अंडमान, दक्षिणी अंडमान का सम्मिलित रूप है।

No.-8. नारकोंडम द्वीप (उत्तरी अंडमान के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित) एक ज्वालामुखी द्वीप है।

No.-9. बैरन द्वीप जो भारत का एकमात्र जाग्रत ज्वालामुखी है, जो मध्य अंडमान के पूर्वी भाग में अवस्थित है।

No.-10. अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर, दक्षिणी अंडमान द्वीप पर स्थित है।

No.-11. डंकन दर्रा दक्षिणी अंडमान और लघ अंडमान के बीच है।

No.-12. निकोबार द्वीप: कार निकोबार, छोटा निकोबार तथा ग्रेट निकोबार द्वीप का सम्मलित रूप है।

No.-13. गैड चैनल ग्रेट निकोबार और सुमात्रा के मध्य में है।

No.-14. भारत का दक्षिणतम् बिन्दु इंदिरा प्वाइंट ग्रेट निकोबार द्वीप का दक्षिणी बिन्दु है।

No.-15. अंडमान द्वीप के सबसे उत्तर में लैंडफॉल द्वीप है।

No.-16. दक्षिणी अंडमान के दक्षिण में छोटा अंडमान द्वीप समूह है जो लगभग 204 छोटे-छोटे द्वीप है।

Bhart Ki Sthiti or Vistar – भारत की स्थिति और विस्तार

इसके दो प्रमुख समूह है-

No.-1. अक्रिपेलागो और लेबीरिथ द्वीप समूह।

No.-2. अंडमान द्वीप का सर्वोच्च शिखर सैडल पिक चोटी है जिसकी ऊँचाई 738 मीटर है।

No.-. निको3बार द्वीप की सर्वोच्च चोटी धुलियार है जिसकी ऊँचाई 642 मीटर है।

सुन्दरवन डेल्टा-

No.-1. यह गंगा के मुहाने पर स्थित है तथा भारत के पश्चिम बंगाल से लेकर बंग्लादेश तक फैला हुआ है।

No.-2. सुंदरवन डेल्टा विश्व का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है।

No.-3. सुंदरी पेड़ों की अधिकता के कारण इसे सुन्दरवन डेल्टा कहते हैं।

No.-4. हुगली और मेना के बीच फैले इस डेल्टाई प्रदेश का क्षेत्रफल 51,300 वर्ग किमी. है।

मन्नार की खाड़ी-

No.-1. यह हिन्द महासागर की एक भुजा है, जो भारत के दक्षिणी बिन्दु एवं श्रीलंका के पश्चिमी भाग में अवस्थित है।

No.-2. भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिणी हिस्से में 160 से 200 किमी. चौडाई क्षेत्र में अवस्थित मन्नार की खाडी में जीव-जन्तओं की अनेकानेक प्रजातियां पाई जाती है।

एडम्स ब्रिज (रामसेतु)-

No.-1. रामसेतु श्रीलंका के पास मन्नार द्वीप और भारत के बीच चुने के पत्थरों से बने छोटे-छोटे टीलों की एक श्रृंखला है।

No.-2. भारत में धनुषकोटि के पास से यह शृंखला शुरू होती है और श्रीलंका के तलाईमन्नार तक जाती है।

No.-3. एडम्स ब्रिज (रामसेतु) पाक जलडमरूमध्य और मन्नार की खाड़ी को विभाजित करता है।

 

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