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भारत एक कृषि प्रधान देश है यहाँ की अधिकांश जनता और अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर करता है। कृषि बहुत पहले से ही भारत के लोगों का मुख्य व्यवसाय रहा है। उदाहरण- धान, गन्ना, तिलहन, ज्वार, बाजरा, मक्का, सोयाबीन आदि।
Bharat ki fasle in Hindi pdf
प्रमुख उत्पादक राज्य
पश्चिम बंगाल
No.-1. देश का 14 प्रतिशत चावल क्षेत्र है। वर्ष 2014-15 के आधार पर 14.32% चावल उत्पादन कर प्रथम स्थान पर है।
No.-2. कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत अमन फसल से प्राप्त होता है।
No.-3. मुख्य उत्पादक जिले कूच बिहार जलपाई गुड़ी, बाँकुडा मिदनापुर, दार्जलिंग है।
पंजाब
No.-1. पंजाब में प्रमुख उत्पादक जिले यहाँ होशियारपुर, गुरदासपुर, जालन्धर, अमृतसर, रूपनगर, लुधियाना, कपूरथला आदि जिले है।
No.-2. राज्य 2014-15 के अनुसार प्रति हेक्टेयर 3952 किग्रा उत्पादन कर प्रथम स्थान है।
बिहार
No.-1. राज्य में चावल की वर्ष में 2 फसलें पैदा की जाती है।
No.-2. कुल कृषि भूमि के 40 प्रतिशत भाग पर चावल उगाया जाता है।
No.-3. प्रमुख उत्पादक जिलों में सारन, चम्पारन, गया, दरभंगा, मुंगेर, पूर्णिया आदि जिलों में धान पैदा किया जाता है।
तमिलनाडु
No.-1. इस राज्य की देश के कुल चावल उत्पादन में 6-10 प्रतिशत तक भागीदारी है।
No.-2. यहाँ काबेरी नदी के डेल्टा में स्थित अकेला तंजावूर जिला तमिलनाडु का 25 प्रतिशत चावल पैदा करता है।
छत्तीसगढ़
No.-1. छत्तीसगढ़ का मैदानी भाग चावल कृषि के लिए महत्वपूर्ण है और इसे प्रायः चावल का कटोरा कहा जाता है।
No.-2. बिलासपुर, बस्तर, सरगुजा, रायगढ़, दंतेवाडा, नारायणपुर आदि प्रमुख उत्पादन जिले हैं।
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मध्यप्रदेश
No.-1. राज्य की कुल कृषि भूमि के 14 प्रतिशत भाग पर चावल उगाया जाता है।
No.-2. यहाँ नर्मदा तथा तापी नदी की घाटियों में चावल की कृषि होती है।
No.-3. यहाँ देश का सबसे कम प्रति हेक्टेयर 1474 किग्रा औसत उत्पादन होता है।
ओडिसा
No.-1. राज्य की कुल कृषि भूमि के 58 प्रतिशत भाग पर चावल उत्पादन किया जाता है।
No.-2 बालासार, कटक, पुरी, मयूरभंज, कालाहाँडी आदि प्रमुख उत्पादन जिले हैं।
No.-3. भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान कटक में है।
राजस्थान
No.-1. डूंगरपुर, बूंदी, बाँसवाड़ा, हनुमानगढ़, गंगानगर जिलों में चावल की फसल पैदा होती है।
No.-2. महाराष्ट्र, कर्नाटक, असम, केरल, मेघालय, गोवा, मणिपुर, नागालैण्ड, मिजोरम, अन्य चावल उत्पादक राज्य है।
कपास
No.-1. कपास का जन्म स्थान भारत देश है।
No.-2. भारत से विश्व की 12 प्रतिशत कपास प्राप्त होती है।
No.-3. कपास एक झाड़ीनुमा पौधा है जो 1. 5 से 2 मीटर तक बढ़ता है, जिसके उपर अनेक डोडियाँ लगती है।
No.-4. कपास उपोष्ण तथा उष्ण कटिबन्धीय पौधा है। 21 से 25 से.ग्रे. तापमान आदर्श रहता है किन्तु 40 से.ग्रे. तक भी पैदा किया जा सकता है।
No.-5. 200 दिन पाला रहित आकाश साफ आवश्यक है।
No.-6. कपास हेतु 50 से 100 सेमी. वर्षा पर्याप्त है लेकिन थोड़े-थोड़े अन्तराल पर आवश्यक वर्षा कम होने पर सिंचाई द्वारा भी की जाती है।
No.-7. कपास यथा संभव सभी मिट्टियों में पैदा किया जाता है।
No.-8. कच्छारी, उ. भारत एवं दक्षिण पठारी प्रदेश में काली मिट्टी सर्वाधिक उपयुक्त है इसे रेगुर मिट्टी भी कहते हैं।
No.-9. कपास की खेती के लिए अच्छे जल प्रवाह युक्त धरातल की आवश्यकता होती है। खेतों में पानी भरा रहना फसल के लिए हानिकारक होता है।
No.-10. देश की कपास के उत्पादन का 60 प्रतिशत चार राज्य, गुजरात, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश एवं तेलंगाना करते हैं।
प्रमुख उत्पादक राज्य
गुजरात
No.-1. गुजरात भारत के कुल उत्पादन का 34.09 प्रतिशत कपास उत्पादित कर प्रथम स्थान पर है।
No.-2. यहाँ की जलवायु एवं मिट्टी कपास के लिए आदर्श है।
No.-3. यहाँ की 70 प्रतिशत कपास बड़ोदरा, अहमदाबाद, सूरत, भड़ौच, साबरमती, पंचमहल, सुरेन्द्र नगर, जिलों में उत्पादित होती है।
महाराष्ट्र
No.-1. यह देश की 20.45 प्रतिशत कपास उत्पादन कर दूसरे स्थान पर है।
No.-2. यहाँ अब लम्बे रेशे वाली कपास उगाई जाती है।
No.-3. राज्य की लावायुक्त काली मिट्टी कपास की कृषि हेतु बहुत उपयुक्त है। नागपुर, आकोला, अमरावती, वर्धा, नांदेड, जलगाँव, बुलढ़ाना आदि प्रमुख उत्पादक जिले हैं। प्रति हेक्टयर उत्पादन सबसे कम है।
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आन्ध्र प्रदेश
No.-1. आन्ध्र प्रदेश तीसरा बड़ा उत्पादक है।
No.-2. यह देश का 13.92 प्रतिशत उत्पादन करता है।
No.-3. राज्य में कपास की खेती कृष्णा नदी की घाटी में की जाती है।
No.-4. रन्तूर, अवन्तपुर, कर्नूल, कृष्णा प्रमुख उत्पादक जिले हैं।
राजस्थान
No.-1. राज्य में सिंचाई की सहायता से ही कपास की कृषि की जाती है।
No.-2. देश का 6.6 प्रतिशत कपास उत्पादन राज्य में होता है।
No.-3. अकेला हनुमानगढ़ जिला राज्य का 30 प्रतिशत कपास का उत्पादन करता है।
No.-4. अन्य जिलों में श्रीगंगानगर, भीलवाड़ा, अजमेर, बूंदी, टोंक, पाली, कोटा, झालावाड़ आदि है।
तमिलनाडु
No.-1. यह राज्य पाँच प्रतिशत उत्पादन करता है।
No.-2. तमिलनाडु लम्बे रेशे एवं उच्च गुणवत्ता वाली कपास के लिए प्रसिद्ध है।
No.-3. मदुरई, कोयम्बटूर, तिरूचिरापल्ली, सलेम, तंजावूर प्रमुख उत्पादक जिले हैं।
कर्नाटक
No.-1. राज्य के कपास उत्पादन के दो प्रमुख क्षेत्र हैं।
No.-2. प्रथम क्षेत्र काली मिट्टी का है, जिसे सलहट्टी कहते हैं।
No.-3. इसके अन्तर्गत बेलारी, शिमोगा, चिकमंगलूर, चितल दुर्ग आते हैं।
No.-4. द्वितीय दक्षिणी क्षेत्र लाल मिट्टी का है, इसे दौड़हट्टी कहते हैं।
No.-5. जिससे रायचूर एवं धारवाड़ जिले राज्य की 50 प्रतिशत से अधिक कपास का उत्पादन करते हैं।
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अन्य उत्पादक क्षेत्र
No.-1. मध्यप्रदेश, अनुकूल दशायें नर्मदा, ताप्ती की घाटी एवं मालवा के पठार राज्य का 80 प्रतिशत उत्पादन किया जाता है।
No.-2. कुछ मात्रा में केरल, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, असम, बिहार में भी कपास का उत्पादन किया जाता है।
गन्ना
No.-1. भारत को गन्ने की जन्म स्थली होने का गौरव प्राप्त है।
No.-2. पूर्वी – भारत में गन्ने की खेती का वृतान्त वैदिक साहित्य में भी उपलब्ध है।
No.-3. चीन, जावा एवं अन्य देशों में गन्ने की खेती का विस्तार भारत से ही हुआ है।
No.-4. भारत में गन्ना मुख्य व्यापारिक फसल है।
No.-5. विश्व के गन्ना उत्पादक क्षेत्र का 35 प्रतिशत क्षेत्र भारत में पाया जाता है।
No.-6. गन्ना उत्पादन में भी भारत प्रथम-द्वितीय स्थान पर होता रहता है।
No.-7. ब्राजील एवं क्यूबा भी भारत के लगभग बराबर ही गन्ना उत्पादन करते हैं।
No.-8. सन् 1850 तक कुल शक्कर का 86 प्रतिशत तक गन्ने से प्राप्त होता था लेकिन अब चुकन्दर की शक्कर से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है अब यह 55 से 60 प्रतिशत तक रह गई है।
No.-9. गन्ना, अयन वृत्तीय पौधा है, इसकी खेती 8° उत्तरी अक्षांश से 32° उत्तरी अक्षांश तक की जाती है।
No.-10. 20° से 30°C तापमान आवश्यक है।
No.-11. पाला गन्ने के लिए हानिकारक रहता है।
No.-12. निरन्तर समान तापमान रहने पर गन्ने की मिठास की मात्रा बढ़ जाती है।
No.-13. वर्षा : 100 से 200 सेमी वर्षा फसल के लिए उपयुक्त होती है।
No.-14. सूखा या वर्षा कम होने पर सिंचाई द्वारा गन्ना उत्पादन किया जा सकता है।
No.-15. गन्ना उत्पादन हेतु नाइट्रोजन एवं जीवाँश युक्त उपजाऊ मिट्टी आवश्यक है।
No.-16. उपजाऊ दोमट गहरी चिकनी एवं लावायुक्त काली मिट्टी फसल के लिए उपयुक्त है।प्रमुख उत्पादक राज्य
उत्तर प्रदेश
No.-1. यहाँ दो प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है –
No.-2. तराई क्षेत्र : रामपुर से बरेली, पीलीभीत, सीतापुर, खीरी, मुरादाबाद, फैजाबाद, आजमगढ़, जौनपुर, गोरखपुर होते हुए बिहार के चम्पारन जिलों तक विस्तृत है।
No.-3. दोआब क्षेत्र : गंगा-यमुना का दो आब क्षेत्र जो मेरठ से प्रारम्भ होकर इलाहाबाद तक विस्तृत है।
मेरठ का गन्ना उत्तम कोटि का है जिसको यहाँ गुड़ बनाने में उपयोग किया जाता है।
महाराष्ट्र
No.-1. दूसरा सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है।
No.-2. यहाँ गोदावरी नदी की उपरी घाटी गन्ने की कृषि के लिए प्रसिद्ध है।
No.-3. अधिकाँश गन्ने से शक्कर बनाई जाती है।
No.-4. राज्य शक्कर के उत्पादन में प्रथम स्थान पर है।
No.-5. यहाँ उच्च कोटि का गन्ना पैदा किया जाता है।
No.-6. अहमदनगर, नासिक, पुणे, शोलापुर, रत्नागिरी प्रमुख गन्न उत्पादक जिले हैं।
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तमिलनाडु
No.-1. गन्ने का तीसरा बड़ा उत्पादक राज्य है।
No.-2. प्रति हेक्टेयर उत्पादन (113.41 टन) में देश के अधिकतम उत्पादन करने वाले राज्यों में से है।
No.-3. भारत के कुल उत्पादन का 10.68 प्रतिशत गन्ना उत्पादित होता है।
No.-4. कोयम्बटुर में राष्ट्रीय गन्ना अनुसंधान संस्थान स्थित है।
No.-5. राज्य में समुद्रतटीय जलवायु के कारण गन्ने में मिठास अधिक होती है।
कर्नाटक
No.-1. यहाँ गन्ने की कृषि नदी घाटियों में होती है।
No.-2. तटीय क्षेत्र में उपजाऊ मिट्टी अनुकूल समुद्री जलवायु से उत्पादकता अधिक और निरन्तर क्षेत्र में वृद्धि हो रही है।
No.-3. देश का 10 से 12 प्रतिशत गन्ने का उत्पादन होता है।
No.-4. बेलगाँव, बेलारी, माण्डवा, कोलार, मैसूर, तुमकूर, रायचूर प्रमुख उत्पादक जिले हैं।
आन्ध्र प्रदेश
No.-1. राज्य में कृष्णा-गोदावरी नदियों के डेल्टाई क्षेत्र में स्थित है।
No.-2. यहाँ देश का 4.67 प्रतिशत गन्ना पैदा होता है।
No.-3. मुख्य उत्पादक जिले पूर्वी एवं पश्चिमी गोदावरी, श्रीकाकुलम, विशाखापट्टनम तथा चितूर है।
गुजरात
No.-1. यहां देश का 3.17 प्रतिशत गन्ना उत्पादन होता है।
No.-2. सूरत, भावनगर, जामनगर, राजकोट तथा जूनागढ़ प्रमुख उत्पादक जिले हैं।
पंजाब
No.-1. भारत वर्ष का 2.21 प्रतिशत गन्ना पैदा किया जाता है।
No.-2. अमृतसर, जालंधर, फिरोजपुर, गुरदासपुर प्रमुख उत्पादक जिले हैं।
हरियाणा
No.-1. देश का 2.04 प्रतिशत गन्ना पैदा किया जाता है।
No.-2. पंजाब की तरह यहाँ भी उपजाऊ मृदा एवं सिंचाई साधनों के कारण गन्ना क्षेत्र एवं उत्पादन व प्रति हेक्टर में निरन्तर वृद्धि हो रही है।
No.-3. राजस्थान : बूंदी, उदयपुर, भीलवाड़ा, श्रीगंगानगर, चितौडगढ़, कोटा जिले प्रमुख है।
अन्य उत्पादक क्षेत्र
No.-1. बिहार के उत्पादक क्षेत्र तराई के समीपवर्ती चम्पारन, गया, दरभंगा, सारन प्रमुख उत्पादक जिले हैं।
No.-2. उड़ीसा में– पुरी, कटक, अम्बलपुर तथा मध्य प्रदेश में- मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी आदि है।
गन्ना उत्पादन की समस्याएँ
(1) गन्ने के लिए आदर्श दशाएँ भारत के दक्षिण में सागर तटीय क्षेत्रों में मिलती है। किन्तु अब भी इसका उत्पादन उत्तर भारत में होता है जहाँ शुष्क ऋतु लम्बी होने से गन्ने में रस की मात्रा कम होती है।
(2) उन्नत तकनीक का यथोचित उपयोग नहीं हो पाना ।
(3) किसानों को समय पर फसल मूल्य का भुगतान नहीं होना।
(4) मौसम की मार।
(5) गन्ने की फसल का उचित मूल्य निर्धारण न होना।
चाय
No.-1. यह उष्ण कटिबन्धीय पौधा है।
No.-2. इसके लिए 25 से 30°C तापमान आदर्श रहता है।
No.-3. चाय की झाड़ी एवं पौधों की वृद्धि के लिए छाया अनुकूल व शुष्क हवा प्रतिकूल रहती है।