Bharat Ke Vayasray in Hindi- भारत के प्रमुख वायसरॉय | Bharat KeVayasry in Hindi- भारत के प्रमुख वायसरॉय | Bharat Vayasray in Hindi- भारत के प्रमुख वायसरॉय | Bharat K Vayasray in Hindi- भारत के प्रमुख वायसरॉय | Bharat Ke Vasray in Hindi- भारत के प्रमुख वायसरॉय | Bharat Ke Vaysry in Hindi- भारत के प्रमुख वायसरॉय |
वायसराय’ शब्द ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार में ‘1858 के भारत सरकार अधिनियम’ के माध्यम से पेश किया गया था। इस संशोधन का प्रमुख कारण 1857 का सिपाही विद्रोह था, जिसे ‘भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध’ के रूप में जाना जाता है। भारत के पहले वायसराय लॉर्ड कैनिंग थे जिन्होंने 1862 तक वायसराय के रूप में कार्य किया। भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन थे, जिन्होंने 1947 से 1948 तक इस पद पर कार्य किया।
Bharat Ke Vayasray in Hindi- भारत के प्रमुख वायसरॉय
लॉर्ड एल्गिन
No.-1. कार्यकाल – 21 मार्च 1862 – 20 नवम्बर 1863
No.-2. वहाबी आंदोलन’ का सफलतापूर्वक दमन इसकी सबसे महत्त्वपूर्ण सफलता थी।
No.-3. लॉर्ड एल्गिन की 1863 ई. में धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) में मृत्यु हो गई।
सर रॉबर्ट नेपियर
No.-1. कार्यकाल – 21 नवम्बर 1863 – 2 दिसम्बर 1863
No.-2. सर रॉबर्ट नेपियर को भारत के कार्यवाहक वायसराय के रूप में नियुक्त किया गया था।
सर विलियम डेनिसन
No.-1. कार्यकाल – 2 दिसम्बर 1863 – 12 जनवरी 1864
No.-2. सर विलियम डेनिसन को भारत के कार्यवाहक वायसराय के रूप में नियुक्त किया गया था।
सर जॉन लॉरेंस
No.-1. कार्यकाल – 12 जनवरी 1864 – 12 जनवरी 1869
No.-2. जॉन लॉरेंस ने अफगानिस्तान में हस्तक्षेप न करने की नीति का पालन किया, इसके कार्यकाल में यूरोप के साथ संचार व्यवस्था (1869-1870) कायम की गयी।
No.-3. जॉन लॉरेंस के ही कार्यकाल में कलकत्ता, बम्बई और मद्रास में उच्च न्यायालयों की स्थापना की गयी।
No.-4. इसके कार्यकाल में पंजाब में काश्तकारी अधिनियम पारित किया गया।
लॉर्ड मेयो
No.-1. कार्यकाल – 12 जनवरी 1869 – 8 फ़रवरी 1872
No.-2. लॉर्ड मेयो के कार्यकाल में भारतीय सांख्यिकीय बोर्ड का गठन किया गया।
No.-3. भारत में अंग्रेजों के समय में प्रथम जनगणना 1872 ई. में लॉर्ड मेयो के समय में हुई थी।
No.-4. मेयो के काल में 1872 ई. में अजमेर, राजस्थान में मेयो कॉलेज की स्थापना की गई।
No.-5. 1872 ई. में कृषि विभाग की स्थापना भी मेयो के काल में हुई थी।
No.-6. लॉर्ड मेयो की एक अफगान ने 1872 ई. में चाकू मार कर हत्या कर दी।
सर जॉन स्ट्रेची
No.-1. कार्यकाल – 9 फ़रवरी 1872 – 23 फ़रवरी 1872
No.-2. सर जॉन स्ट्रेची को भारत के कार्यवाहक वायसराय के रूप में नियुक्त किया गया था।
द लॉर्ड नेपियर
No.-1. कार्यकाल – 24 फ़रवरी 1872 – 3 मई 1872
No.-2. द लॉर्ड नेपियर को भारत के कार्यवाहक वायसराय के रूप में नियुक्त किया गया था।
Bharat Ke Vayasray in Hindi
लॉर्ड नार्थब्रुक
No.-1. कार्यकाल – 3 मई 1872 – 12 अप्रैल 1876
No.-2. इसके समय में बंगाल में भयानक अकाल पड़ा।
No.-3. भारत में उसकी नीति “करों में कमी, अनावश्यक क़ानूनों को न बनाने तथा कृषि योग्य भूमि पर भार कम करने” की थी।
No.-4. लॉर्ड नार्थब्रुक के समय में पंजाब में कूका आन्दोलन हुआ।
No.-5. नार्थब्रुक ने 1875 में बड़ौदा के शासक गायकवाड को पदच्युत कर दिया।
No.-6. नार्थब्रुक के कार्यकाल में प्रिंस ऑफ़ वेल्स एडवर्ड तृतीय की भारत यात्रा 1875 में संपन्न हुई।
No.-7. इसी के समय में स्वेज नहर खुल जाने से भारत एवं ब्रिटेन के बीच व्यापार में वृद्धि हुई।
लॉर्ड लिटन
No.-1. कार्यकाल – 12 अप्रैल 1876 – 8 जून 1880
No.-2. इसका पूरा नाम ‘रॉबर्ट बुलवेर लिटन एडवर्ड’ था, एवं इनका एक उपनाम ‘ओवेन मेरेडिथ‘ भी था।
No.-3. यह एक प्रसिद्ध उपन्यासकार, निबंध-लेखक एवं साहित्यकार था, साहित्य में ऐसे ‘ओवेन मेरेडिथ’ नाम से जाना गया।
No.-4. इसमें समय में बम्बई, मद्रास, हैदराबाद, पंजाब एवं मध्य भारत में भयानक अकाल पड़ा।
No.-5. इसने रिचर्ड स्टेची की अध्यक्षता में अकाल आयोग की स्थापना की।
No.-6. लॉर्ड लिटन के कार्यकाल में प्रथम दिल्ली दरबार का आयोजन किया गया और एक राज-अधिनियम पारित करके 1877 में ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को ‘कैसर-ए-हिन्द’ की उपाधि से विभूषित किया गया।
No.-7. लिटन ने अलीगढ में एक मुस्लिम एंग्लो प्राच्य महाविद्यालय की कई स्थानीय भाषाओँ के समाचार पत्र आदि को ‘विद्रोहात्मक सामग्री’ के प्रकाशन का आरोप लगाकर बंद कर दिया गया।
No.-8. इसके समय में शस्त्र एक्ट (आर्म्स एक्ट) 1878 पारित हुआ, जिसमें भारतीयों को शस्त्र रखने और बेचने से रोका गया।
No.-9. इसने सिविल सेवा परीक्षाओं में प्रवेश की अधिकतम आयु सीमा घटाकर 19 वर्ष कर दी।
Bharat Ke Vayasry in Hindi- भारत के प्रमुख वायसरॉय
लॉर्ड रिपन
No.-1. कार्यकाल – 8 जून 1880 – 13 दिसम्बर 1884
No.-2. रिपन ने समाचारपत्रों की स्वतंत्रता को बहाल करते हुए 1882 ई. में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को रद्द कर दिया, जिस कारण इसे प्रेस का मुक्तिदाता कहा जाता है।
No.-3. रिपन ने सिविल सेवा में प्रवेश की अधिकतम आयु को 19 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर दिया।
No.-4. रिपन के काल में भारत में 1881 ई. में सर्वप्रथम नियमित जनगणना करवाई गई।
No.-5. 1881 ई. में प्रथम कारखाना अधिनियम रिपन के द्वारा लाया गया।
No.-6. रिपन के समय में 1882 में शिक्षा के क्षेत्र में सर विलियम हंटर की अध्यक्षता में हंटर आयोग (Hunter Commission) का गठन हुआ और 1882 में स्थानीय शासन प्रणाली की शुरुआत हुई।
No.-7. 1883 में इल्बर्ट बिल (Ilbert Bill) विवाद, रिपन के समय में ही पारित हुआ, जिसमे भारतियों को भी यूरोपीय कोर्ट में जज बनने का अधिकार दे दिया गया था।
No.-8. फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने रिपन को भारत का उद्धारक की संज्ञा दी।
लॉर्ड डफरिन
No.-1. कार्यकाल – 13 दिसम्बर 1884 – 10 दिसम्बर 1888
No.-2. डफरिन के काल में 28 दिसम्बर 1885 ई. को बम्बई में ए. ओ. ह्यूम के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई।
No.-3. इसी समय बंगाल टेनेन्सी एक्ट (किराया अधिनियम), अवध टेनेन्सी एक्ट तथा पंजाब टेनेन्सी एक्ट पारित हुआ।
No.-4. डफरिन के समय में तृतीय आंग्ल-बर्मा युद्द हुआ और बर्मा को भारत में मिला लिया गया।
No.-5. लॉर्ड डफरिन के समय में अफगानिस्तान की उत्तरी सीमा का निर्धारण किया गया।
लॉर्ड लैंसडाउन
No.-1. कार्यकाल – 10 दिसम्बर 1888 – 11 अक्टूबर 1894
No.-2. भारत एवं अफगानिस्तान के बीच सीमा रेखा जिसे डूरण्ड रेखा के नाम से जाना जाता है, का निर्धारण 1893 ई. में लैंसडाउन के समय में हुआ।
No.-3. इस रेखा का निर्धारण ब्रिटिश अधिकारी सर मोर्टीमर डूरंड और अफगान अमीर अब्दुर रहीम खान के बीच हुआ।
No.-4. 1891 ई. में दूसरा कारखाना अधिनियम लाया गया, जिसमें महिलाओं को 11 घंटे प्रतिदिन से अधिक काम करने पर प्रतिबंध लगाया गया।
No.-5. लॉर्ड लैंसडाउन के समय में 1891 में एज ऑफ़ कन्सेंट बिल (Age of Consent Act) पारित हुआ, जिसके अंतर्गत एक व्यक्ति के यौन कृत्यों के लिए सहमति की उम्र बढ़ा दी गयी, जिसमे लड़कियों की यौन सहमती की उम्र 10 वर्ष से बढाकर 12 वर्ष कर दी गयी।
No.-6. इससे कम उम्र में यौन सम्बन्ध बनाने पर इसे बलात्कार माना गया, चाहे वे विवाहित ही क्यों न हों।
लॉर्ड एल्गिन
No.-1. कार्यकाल – 11 अक्टूबर 1894 – 6 जनवरी 1899
No.-2. लॉर्ड एल्गिन के कार्यकाल में भारत में क्रांतिकारियों की शुरुआत हुई, और पूना के चापेकर बंधुओं (Chapekar brothers) दामोदर हरी चापेकर, बालकृष्ण हरी चापेकर और वसुदेव हरी चापेकर ने ब्रिटिश प्लेग कमिश्नर, डब्ल्यू. सी. रैंड (W. C. Rand) को गोली मारकर भारत की प्रथम राजनीतिक हत्या की।
No.-3. लॉर्ड एल्गिन के समय में ही भारत में देशव्यापी अकाल पड़ा, जिसमें करीब 45 लाख लोगों की मौत हुई।
No.-4. एल्गिन ने हिन्दु कुश पर्वत के दक्षिण में चित्राल राज्य के विद्रोह को दबाया।
Bharat Vayasray in Hindi- भारत के प्रमुख वायसरॉय
लॉर्ड कर्जन
No.-1. कार्यकाल – जनवरी 1899 – 18 नवम्बर 1905
No.-2. लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में सर एण्ड्रयू फ़्रेजर की अध्यक्षता में एक पुलिस आयोग का गठन किया गया।
No.-3. इस आयोग की अनुशंसा पर प्रान्तीय पुलिस की स्थापना व केन्द्रीय गुप्तचर विभाग की स्थाना (C.I.D.) की भी स्थापना की गई।
No.-4. कर्जन के समय में उत्तरी पश्चिमी सीमावर्ती प्रान्त (North West Frontier Province) की स्थापना भी की गयी।
No.-5. शैक्षिक सुधारों के अन्तर्गत कर्ज़न ने 1902 ई. में सर टॉमस रैले (Sir Thomas Ralley) की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय आयोग का गठन किया।
No.-6. कर्जन के समय में 1904 में प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम पारित हुआ, जिसके द्वारा भारत में पहली बार ऐतिहासिक इमारतों की सुरक्षा एवं मरम्मत की ओर ध्यान देने के लिए भारतीय पुरातत्त्व विभाग की स्थापना हुई।
No.-7. कर्ज़न ने 1901 ई. में सर कॉलिन स्कॉट मॉनक्रीफ की अध्यक्षता में एक सिंचाई आयोग का भी गठन किया।
No.-8. कर्जन के समय में भारत में भयानक अकाल भी पड़ा, जिससे करीब 60-90 लाख लोगों के मरने का अनुमान लगाया गया।
No.-9. 1899-1990 ई. में पड़े अकाल व सूखे की स्थिति के विश्लेषण के लिए सर एण्टनी मैकडॉनल (Antony MacDonnell) की अध्यक्षता में एक अकाल आयोग का गठन किया गया।
No.-10. लॉर्ड कर्ज़न के समय में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य था – 1905 ई. में बंगाल का विभाजन, जिसके बाद भारत में क्रांतिकारी गतिविधियों का सूत्रपात हो गया।
No.-11. 1905 ई. में लॉर्ड कर्ज़न ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया।